नमस्कार दोस्तों , स्वागत है आपका allhindiway में , आज हम कंप्यूटर के बारे में बात करने वाले है की computer क्या है ? कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। जो डेटा को प्रोसेस करने एवंम स्टोर करने के लिए इस्तमाल किया जाता है ? लेकिन अब आप सोच रहे होंगे की इतना सा ही थोड़ी न कंप्यूटर होता है
तो भाईसहाब थोड़ा ठेरिये तो सही आपको computer की विशेषताए क्या है ? सब कुछ हिंदी में और simple भाषा में बात करंगे। में जनता हु आपको पता होगा की कंप्यूटर क्या है ? लेकिन आज हम इसके बारें में सब कुछ डिटेल्स से जानेंगे। क्या आपको पता है कंप्यूटर कैसे काम करता है ? कंप्यूटर कैसे बना.
आज हम देख रहे होंगे की कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है. school से लेकर office तक में इसका उपयोग रोजाना किया जा रहा है. और दैनिक कामकाज को करने के लिए घरों में भी कम्प्यूटर का उपयोग बहुत ज्यादा किया जा रहा है.
इसलिए हम आपको आज कंप्यूटर के बारे में अच्छी तरह से बतायंगे तभी तो हम इस कंप्यूटर का उपयोग सही ढंग से कर सकते है। आपको यह भी पता है की जब भी हमारी कोई प्रतियोगि परिक्षा होती है तो उसमे कंप्यूटर से रीलेटड सवाल पूछे जाते है.
तो इसलिए आपको कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए की बेसिक कंप्यूटर क्या है ? और इसके साथ साथ आपको ढेर सारि जानकारी देना चाहता हु ताकि आप कंप्यूटर के बारे में अच्छे से जान सके , तो चलिए बिना किसी देरी के हम कंप्यूटर स्टार्ट करते है

कंप्यूटर क्या है ?
सरल भाषा में जाने तो कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो जो तय निर्देशों के अनुसार काम को सम्पादित करता है , कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन जिसको जानकरी के साथ काम करने के लिए बनाया गया है। computer , latin शब्द computare से लिया गया है इसका अर्थ होता है calculation करना मतलब गिनती करना या गणना करना भी बोल सकते है
कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो इनपुट डिवाइस के द्वारा डाटा को स्वीकार करता है, फिर उसे प्रोसेस करता है और उसके बाद आउटपुट डिवाइस के द्वारा हमे रिजल्ट दिखाता है. जैस की –
input data ⇒ processing ⇒ output data
जैसे की आप अगर आप एक लेखक/टाइपिस्ट से पूछोगे कि कम्प्यूटर क्या है? तो वह शायद बोले की computer एक टाइप मशीन हैं. इसी तरह हम किसी एक गेम खेलने वाले बच्चे से पूछते है तो वह बोलेगा कि कम्प्यूटर तो एक गेम मशीन है. अगर हम ऐसे ही कम्प्यूटर ऑपरेटर से पूछोगे तो वह इसे ऑफिस का काम करने वाली एक मशीन के संदर्भ में परिभाषित करने की कोशिश करेगा.
इसीलिए हम कंप्यूटर को किसी एक किसी एक अर्थ में नही बांधा जा सकता है. computer का मतलब उसके उपयोग के आधार पर हर व्यक्ति के लिए अलग है. मतलब जो इंसान computer पर काम करेगा वो उसी काम के लिए कंप्यूटर को बताएगा तो आप यह तो जान ही गए होंगे की कंप्यूटर क्या है ? अब कंप्यूटर की विशेषताए क्या है ? इसके बारे में बतायगे ?
कंप्यूटर की विशेषताए क्या है ?
गति – Speed
जहां एक आपको एक छोटी सी गणना करने में टाइम लगता है वहीं Computer बडी से बडी गणना सेेकेण्ड से भी कम टाइम में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्यूटर की गति को हर्ट्ज, में मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स, प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स, प्रति नेनोसेकंड्स आदि इसको देखा जाता है।
शुद्धता – Accuracy
– गलती रहित काम करनामतलब पूरी सटीकता (Accuracy) के साथ किसी भी कार्य को निपटाना कंप्यूटर की दूसरी विशेषता है, कंप्यूटर कभी भी कोई गलती नहीं करता है है, कंप्यूटर हमेशा सही रिजल्ट दिखाता है.
क्योंकि कंप्यूटर पर हम जो भी गए प्रोग्राम बनाते है computer उसका बिलकुल सही परिणाम देता है , अगर कंप्यूटर में कोई प्रोग्राम गलत आ रहा यही तो उसमे अपनी खुद की गलती हो सकती है जो हमने त्यार किया होगा कंप्यूटर कभी गलत नहीं दिखाता।
स्वचालित – Automation
भंडारण क्षमता – Storage Capacity
आपको पता होगा कंप्यूटर में इस्थित एक मेमोरी होती है जो उसमे परमानेंट रहती है जिसमे कंप्यूटर के सभी सॉफ्टवेर , एवं हमारे भी कुछ प्रोग्राम फाइल में जमा कर देते है वह computer से कभी समाप्त नहीं होती है इसलिए हम इसे स्थायी भंडारण क्षमता के नाम से जानेगे।
परिश्रमी – Diligence
कम्प्यूटर एक थकान मुक्त और मेहनती मशीन हैं.यह बिना रुके, थके और बोरियत माने बगैर अपना कार्य सुचारु रूप से समान शुद्धता के साथ कर सकता हैं. यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा करता हैं.
प्रकृति का दोस्त – Nature Friendly
कम्प्यूटर अपना कार्य करने के लिए कागज का इस्तेमाल नहीं करता हैं. डाटा का भंडारण करने के लिए भी कागजी दस्तावेज नहीं बनाने पडते हैं. इसलिए कम्प्यूटर अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति के रक्षक होते हैं. और इससे लागत में भी कमी आती हैं.
संप्रेषण – Communication
एक कम्प्यूटर मशीन अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से भी बात-चीत कर सकता हैं. यह नेटवर्क के जरीए अपना डाटा का आदान-प्रदान एक-दूसरे को आसानी से कर सकते हैं.
विश्वसनीय – Reliability
यह एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन हैं. इसका जीवन लंबा होता हैं. इसके सहायक उपकरणों को आसानी से पलटा और रख-रखाव किया जा सकता हैं.
कंप्यूटर की full form क्या है ?
कंप्यूटर का बहुत से छेत्र में काम होने के कारन computer को परिभाषा में नही बाँध सकते एक कड़ी में कंप्यूटर का नाम चर्चित रहता है
- C – Commonly
- O – Operating
- M – Machine
- P –particulary
- U – Used in
- T – Technology
- E – Education and
- R – research
अलग अलग छेत्र के हिसाब से ही कंप्यूटर को एक नाम दिया जा सकता।
कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया ?

अब आप यह भी जान ले की कंप्यूटर का जनक किसे माना जाता है ? वैसे देखा जाये तो कंप्यूटर बनाने में बहुत से लोगो ने अपना योगदान दिया लेकिन कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है। क्योकि सबसे पहले 1937 में कंप्यूटर का अविष्कार उन्होंने ही किया था। चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का Father कहा जाता है।
कंप्यूटर की पीढियां
हम सभी क्या कोई भी अभी यह बात सही से नहीं जनता की कब से कंप्यूटर का डवलपमेन्ट शुरू किया गया था। लेकिन कंप्यूटर के अविष्कार को पीढ़ी दर पीढ़ी बाँट दिया गया था इनको मुख्य तोर पर 5 पीढ़ी में बांटा है।
जैसे टाइम बढ़ता गया वैसे वैसे computer की भी पीडियां आती गयी। आपने यह तो अच्छे से जान लिया होगा की कंप्यूटर क्या है ? तो चलिए अब Generation Of computer in hindi के बारे में विस्तार से जान लेते है।
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी – 1940 – 1956 “Vaccum tubes”
कंप्यूटर की सबसे प्रथम पीढ़ी का प्रारंभ सन 1946 में जे पी एकर्ट और जॉन मोचली ने किया था और वैक्यूम ट्यूब और मेग्नेटिक ड्रम को मेमोरी के लिए इस्तमाल किया जाता था इनका आकार काफी बड़ा होता था , इनको चलाने में काफी ऊर्जा लगती थी।

और इसका ज्यादा बड़ा होने कारन यह कंप्यूटर बहूत ज्यादा गरम हो जाया करते थे कई बार इनमे आग भी लग जाती थी। और इनमे मशीन भाषा का इस्तमाल होता था जैसे की , UNIVAC (Universal automatic computer) और UNIVAC आदि।
और विशेषताएं इस कंप्यूटर स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग किया जाता था. और इसमें बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता था. इस कंप्यूटर की स्पीड स्पीड 333 माइक्रो सेकंड थी. इस कंप्यूटर में बायनरी नंबर 0 और 1 का प्रयोग किया जाता था। और इसमें सिमित मेमोरी थी
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी -1956-1963 “transistors ”
पहेली पीढ़ी के कंप्यूटर की जगह अब दूसरी पीढ़ी के computer ने ले ली थी 1956ई. में vaccum tubes की जगह transistor का प्रयोग करके एक नया कंप्यूटर बनाया गया इस कंप्यूटर का आविष्कार विल्लियम शाकले (william shockley) 1963 में किया था

और इस कंप्यूटर का आकार भी छोटा था और स्पीड में भी तेज था अधिक शक्तिशाली थे और इसमें बिजली भी कम लगती थी लेकिन अभी इसमें से भी गरम होने की समस्या नहीं गयी थी
इस कंप्यूटर में हाई लेवल की programing language का प्रयोग किया जाता था। जैस corbal और fortran का प्रयोग किया गया।
और विशेषताएं इस कंप्यूटर में storage के लिए मैग्नेटिक core टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता था इस कंप्यूटर की speed 10 माइक्रो second थी मतलब पहले पीढ़ी के कंप्यूटर से काफी अच्छी थी। और इसके आकार और स्पीड दोनों में सुधार हुआ। और इसका उपयोग इंजीनियरिंग डिजाइनिंग में भी प्रयोग किया जाता था
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी -1964-1971 ”Integrated Circuit”
तीसरी कंप्यूटर पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग होने लगा गया था। जिससे कि कंप्यूटर दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से और भी शक्तिशाली होने लगे थे. आईसी जिसे हम इंटीग्रेटेड सर्किट के नाम से जानते हैं और इस कंप्यूटर का अविष्कार जैक किल्बी ने किया था जोकि टेक्सास इंस्ट्रूमेंट कंपनी के मालिंक थे.

तीसरी कंप्यूटर पीढ़ी की शुरआत सन 1964 ईस्वी में हुई थी। इसी पीढ़ी से RAM का प्रयोग भी प्रारम्भ हुआ और इस कंप्यूटर में फोर्ट्रन और कोबोल भाषाओं का प्रयोग होता था। इन computer की गति 100 नैनो सेकंड थे. यह कंप्यूटर दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से आकार में छोटे और स्पीड में बहुत ज्यादा अधिक थे।
और विशेषताएं इस कम्प्यूटर में स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक कोर का प्रयोग किया जाता था. इस पीढ़ी के कंप्यूटर की गति 100 नैनो सेकंड थी, इस कंप्यूटर में फोर्ट्रन और कोबोल जैसी भाषाओं का प्रयोग किया जाता था इसमें स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक कोर का प्रयोग किया जाता था.
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी – 1971-1985 “Microprocessor“
पहेली पीढ़ी ,दूसरी पीढ़ी ,तीसरी पीढ़ी , इन सभी पीढ़ियों को पीछे छोड़ कर चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का आविष्कार हुआ इन कंप्यूटर के आविष्कार की शुरुआत सन 1971 में हुआ था। इन कम्पूटरो को ज्यादा इंटीग्रेटेड सर्किट और माइक्रोप्रोसेसर प्रयोग में लाए जाते थे

इस कंप्यूटर में फोर्ट्रन 77, पास्कल, एडीए, कोबोल 74 आदि भाषाओं का उपयोग किया जाता था.जैसे :- IBM ,PC-XT,एप्पल II ,इंटेल 4004 आदि
और विशेषताएं इस कंप्यूटर की स्पीड 300 नैनो सेकंड थी। इसमें बड़े पैमाने पर इंटीग्रेटेड सर्किट और माइक्रो प्रोसेसर प्रयोग किए जाते थे।
कंप्यूटर की पाचंवी पीढ़ी -1985 जो अब है “Artificial Intelligence “

पांचवी कंप्यूटर की शुरआत 1985 ईस्वी से प्रारंभ हुई 1985 से लेकर के अब तक जितने भी कंप्यूटर बने है वो सब पांचवी पीढ़ी में आते है। पांचवीं पीढ़ी के computer को वैज्ञानिक AI के मैनेजर विकसित करने के नए-नए तरीके विकसित करते हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करके बनाए गए कंप्यूटर इतने अच्छी किस्म के होते हैं की यह कंप्यूटर अपने आप समझ जाते है की हमें करना क्या है। आगे आने वाले टाइम सभी काम कंप्यूटर करंगे।
और विशेषताएं इस पीढ़ी के कंप्यूटर में हम इंटरनेट चला सकते है कुछ भी देख सकते है , इस पीढ़ी के कंप्यूटर में है डेस्कटॉप, लैपटॉप , मोबाइल, टेबलेट आदि।
कंप्यूटर के प्रकार –
हमने कंप्यूटर क्या है ? कंप्यूटर की पीडियां ? आदि सब पढ़ा तो अब हम पड़ेंगे कंप्यूटर के प्रकार तो चलिए one by one चालू करते है।
Analog computer क्या है ?
Digital computer क्या है ?
डिजिटल कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर से थोड़ा हट के हैं जब हम कंप्यूटर पर कोई डाटा की गणना करते है और कंप्यूटर डाटा को एक्सेप्ट करके process करता है और स्क्रीन पर डिजिटल आउटपुट present करता हैं.
यह एक कैलक्यूलेटर के रुप में से कार्य सही करता है जैसे कि जब हम बाइक में पेट्रोल डलवाते हैं तो तो computer स्क्रीन पर पेट्रोल की मात्रा और पैसे दिखाई देते हैं इन आँकड़ों को कंप्यूटर में स्टोर और सेव करके रख लेता हैं और डिजिटल कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटरसे सही रिजल्ट दिखाता है।
Hybrid computer क्या है ?
हाइब्रिड कंप्यूटर में डिजिटल और एनालॉग कंप्यूटर का समावेश रहता हैं यह इन दोनों कंप्यूटर का काम करने में सहायक होते हैं ज्यादातर इस कंप्यूटर का उपयोग अस्पतालों में किया जाता हैं.
जैसे मरीज का तापमान और रक्तचाप को एनालॉग कंप्यूटर के माध्यम से फिर उसके बाद डिजिटल कंप्यूटर के माध्यम से उसके तापमान को digital अथवा अंकों में बदला जाता हैं और इससे रोगी की बीमारी सही से पता कर पाते हैं की रोगी को क्या वे तापमान कितना है
computer कैसे काम करता है ?
दोस्तों हम जानते हैं कि कंप्यूटर एक Electronic मशीन है, क्योंकि कंप्यूटर एक Electronic मशीन है। इसलिए इसका उपयोग करने के लिए हमें इसमें और भी कई तरह के Electronic उपकरणों को जोड़ना पड़ता है!
जैसा की mouse ,keyboard , CPU, Moniter, Storage Device आदि,
यह उपकरण होते है जो कंप्यूटर के साथ जुड़े होते है , इसी तरह से सभी को जोड़ कर अलग अलग रूप में काम करती है। जब यह सभी आपस में जुड़ते है तो एक computer का रूप ले लेते है। इन्हें ही Input Device, Output Device, Processing Device के नाम से जाना जाता है। इन्ही सभी Device के कारन ही एक कंप्यूटर काम करता नहीं तो इनके बिना कंप्यूटर एक डिब्बा है।

तो दोस्तों इसमें चार भाग होते है जैसे की –
input – तो पहले हम बात करंगे input क्या है ? input कंप्यूटर की कार्य प्रणाली का पहला चरण है। इनपुट डिवाइस एक उपकरण है जो कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करता है. keyboard सबसे अधिक प्रचलित इनपुट उपकरणों में से एक है जिसका प्रयोग computer में आंकड़े डालने और निर्देश देने के लिए किया जाता है । किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के लिए एक keyboard सबसे मौलिक इनपुट डिवाइस है ।
Processing – दूसरे नंबर पर बात आती है Processing क्या है ? Processing काम होने की पर्किर्या को कहा जाता है। Processing की प्रक्रिया cpu द्वारा संपन्न होती है। हम इनपुट Devices द्वारा Computer को जो भी निर्देश देते हैं, वह सभी निर्देश cpu में चली जाती है, और वहां पर Processing की प्रक्रिया शुरू होती है।
Storage – storage क्या है ? किसी कंप्यूटर या इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में डाटा या इन्फोर्मेशन को स्टोर करने के लिए लगे हुए हार्डवेयर को Storage Devices कहते हैं। … इसमें किसी भी टाइप का डाटा जैसे- Images, Videos, documents, songs आदि स्टोर कर सकते हैं। यह एक मेमोरी की ही तरह काम करता है। इन्हें digital storage या storage media भी कहते हैं।
output – इनपुट क्या है ? इनपुट की गई डाटा प्रोसेसिंग के बाद मॉनिटर पर दिखाया जाता है, और इसे ही आउटपुट कहा जाता है। अगर दूसरे शब्दों में बोले तो कंप्यूटर द्वारा हमें दी गयी जानकारी उसे output बोलते है। उम्मीद करता हु आपको यह भी समझ आ गया होगा की कंप्यूटर कैसे काम करता है ? अब हम बात करेंगे कंप्यूटर की लाभ हानि क्या है ?
कंप्यूटर के क्या लाभ है ?
वैसे आज कल देखा जाये तो कंप्यूटर के लाभ ही लाभ है अगर इसका इस्तमाल सही में किया जाता है तो आज कल कंप्यूटर ने हमारा जीवन बहुत ही आसान बना दिया है इससे हमारे काम बहुत जल्द हो रहे है। कंप्यूटर के बिना जीना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है तो चलिए अब इसके लाभ भी देख लेते है।
सरलता – कॉम्पुटर के कारन से हम सभी काम सरलता से कर सकते है। यह करोड़ो की गिनती सैकेंडो में कर लेता है।
समय की बचत – कंप्यूटर पर सभी कार्य बड़ी गति से किए जाते हैं और यह सभी क्षेत्रों जैसे हॉल्पीटल, स्कूल आदि सभी से जुड़ा होता है इसलिए हम घर बैठे कंप्यूटर के जरिए फीस आदि भर सकते हैं जिससे कि हमारे समय की बचत होती है।
डाटा स्टोरेज – आज हर चीज कंप्यूटर पर पायी जाती है, आप बहुत सारा डाटा कंप्यूूटर में स्टोर कर सकते हैं और उसे कभी भी उपयोग में ला सकते हैं और अगर आपके पास internet की सुविधा भी है तो आप क्लाउड स्टोरेज का उपयोग कर internet पर भी अपने डाटा काे सेफ रख सकते हैं।
मनोरंजन का साधन – कंप्यूटर पर हम बात कर सकते हैं और बहुत सारी game भी खेल सकते हैं जिस वजह से यह हमारे का मनोरंजन का भी अच्छा साधन है।
फाईल ट्रांस्फर – हम कंप्यूटर में बड़ी से बड़ी फाइल दूसरी जगह एक मिनट में भेज सकते है। और आप इंटरनेट पर कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। और ऐसे बहुत से काम है जिससे हम घर बैठे बैठे कर सकते है। अब बात करंगे इसकी हनिया क्या है।
कंप्यूटर की हानिया क्या है ?
अगर एक तरफ देखे तो कंप्यूटर के लाभ बहुत है पर अगर दूसरी साइड भी नजर डाले तो बहुत ज्यादा दुरपयोग हो रहा है कंप्यूटर का इसकी बहुत ही हनिया है जसिको हम विस्तार से जानेगे तो चलिए –
समय की बर्बादी – हम कंप्यूटर के आदि होते जा रहे हैं और बिना किसी काम के भी हर समय कंप्यूटर के आगे बैठे रहते हैं और अपना ख़राब करते रहते है।
स्वास्थय पर गलत प्रभाव – कंप्यूटर और मोबाइल का अधिक प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है और स्क्रीन पर ज्यादा लगातार देखते रहने से सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है
रक्तसंचार में कमी – सारा दिन कंप्यूटर पर बैठे रहने से रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता है। और हमारा सवास्थ भी बिगड़ रहा है।
रिश्तेदारों से दुरियाँ – ज्यादा तर लोग किसी के घर जाकर मिलने से बेहतर उनसे सोशन नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप चैट पर ही बात करना ज्यादा पंंसद करते हैं,और देखा जाये तो एक घर में चार लोग हो तो वो भी अपने अपने फोन या कंप्यूटर पर लगे रहते है।
चोरी और हाकिंग – इंटरनेट बैंकिग का उपयोग सावधानी से न करने पर आपके पर्सनल डाटा चोरी रखने का खतरा रहता है, जिससे कई यूजर्स को आर्थिक नुकसान उठाना पडता है कभी कभी तो पर्सनल डाटा भी चोरी हो जाता है।
बेरोजगारी – कंंपनियों और फैट्रियों में कई-कई मजदूरों का काम computer और रोबोट करने लगे हैं, जिससे बेरोजगारी भी बढी है और हमारे युवा लोग को काम नहीं मिल रहा है।
निष्कर्ष
कंप्यूटर का भविष्य
वैसे अगर हम बात करे तो कंप्यूटर में दिन प्रति दिन काफी बदलाव आ रहे है computer टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन ज्यादा सस्ती और ज्यादा क्षमता वाली बनती जा रही है जैसे जैसे हमारी जरूरत बढ़ती जाएगी इसमें और भी ज्यादा बदलाव होते चले जायेगे। आपने पढ़ा पहले तो यह एक कमरे में आता था अब इससे हम कही भी ले जा सकते है।
अब आगे एक समय ऐसा आएगा की हम सिर्फ बैठे गए और कंप्यूटर खुद सारा काम करेगा और इस तकनिकी मे भी विज्ञानं लगा हुआ है यह भी जल्द होगा।
अंत में,
में आपसे उम्मीद करता हु की मेरा यह लेख कंप्यूटर क्या है ? अच्छा लगा होगा अब जब भी आपसे कोई पूछता है की कंप्यूटर किसे कहते है ? तो आप तुरंत जवाब दे सकते है। अगर आपको इस लेख में कही भी कुछ समस्या आयी हो तो हमें कमेंट में जरूर बताये ताकि हमें गलती सुधारने का मौका आपसे मिल सके।
और हाँ इस मेरे लेख को अपने दोस्तों रिस्तेदारो , पड़ोसियों सभी के साथ साझा करे ताकि वो सब भी computer kya hai ? अच्छे से जान सके , ध्नयवाद , जय हिन्द, जय भारत ,